Sunday, August 15, 2010

शेर

१. नंगी तस्वीर को,फिर बिस्तर पर सजा दिया किसने,
गोश्त गरम खाओ तो ही सुकूँ मिलता हैं!!

२.लिखने वाला ही वो हैं,जो पी के लिखे,
जो लिखे होश-ओ-हवाश में,मियाँ वो भी क्या खाक लिखे!!

३.कोई मुझे आज तेरी खबर देता हैं,
तु अच्छी  हैं मगर,जिंदा नहीं!!

४.एक बिसात जो ज़िन्दगी ,तो खेल ना इसे.
कांच के टोकरे भरे,ज़िन्दगी भी कही रख लियो!!!

५.जो मैंने कही यु ही लिख दिया,उससे जला दो,
कही वो ना जला दे उसे,
एक आस,
जिसके सहारे तुम रोज रोती हो!!!

६.एक उम्मीद सी बंधे,जब कोई नाम ले मेरा,
बेहतर हैं,में अपना नाम बदल लू!!!

७.कुछ स्याही हर्फ़ बन गयी,कुछ बिखर गयी रुखसार पे,
हम तो बस यु ही, मशहूर हो गए!!!

८.कभी तो आ,की में भी तन्हाँ हूँ तेरी तरह!!!

९.हर दुश्मन लगे दोस्तों सा मुझे,
कुछ दोस्त जो यहाँ, दुश्मन बने बैठे हैं!!!

१०.बेशक ना कोई शौक दे,
ना नवाजे शोहरतों से,
ना मुफलिसों को रहम दे,...

कोई ना बस दुश्मनों को भी,
तुझसा सनम दे!!!!

११.हर आखिरी मुलाकात पर हम सोचते हैं,
बहाने कल मिलाने के,
जो तुमने अलविदा कहा आज,
जाओ तुम्हें  माफ़ किया,
नासमझ हो तुम!!

शेर

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