Wednesday, April 25, 2012

जनम शायर कर शेर,फासला इतना सा हैं,
वह हैं वाईज,यहाँ दूसरा सा हैं.


कोई लुट गया,खरीद-फरोक्त ये,
कोई दुंद्ता,मसला सा हैं.


किस का दर्द शायर को पता,
कही जलता शायर सा हैं.


किसी मुक्क़दस मोड़ पे ,जी लेंगे ज़िन्दगी,
अभी रास्ता नया सा हैं.


किसी ने पुछा जो मेरा मक़ाम,
वो शक्स ,मेरा सा हैं.


सिगरटों के बाद ज़िन्दगी बुझ गयी,
ये आशकी ,धुआं सा हैं.


मैं पुकारू तुम्हें,तुम्हारी तरह,
कोई आदमी दिखा सा हैं.


मजबुरीयाँ ,इन फसलो की हया तो,
मुसीबतों में भी,जनाजा जला तो हैं.


मैंने पुछा की कहा की हो तुम,
तुमने,हमें सुना तो हैं.


चलो अब मुस्कुराकर कर सही,
मुस्कुराने का जज्बा तो हैं.


रो लो और जी दो ये लम्हा,
ये लम्हा,तुम्हें मिला जो हैं.

जिसने पीने के बाद सोना सिख लिया,
अब सिखने को बचा क्या हैं!

Psychoanalysis

1.

Man with too many accessories,
has to live on reality.
Rusted teeth and concious glares,
need to be wrapped in beads aswell.
Long hair and iron bolted belt,
yell him to seek an adventure.
Women,could fall for him,
if he could see him.

His pretty modern phone,
expensive cover is the prized possesion.
Yes,he is alone And his finger splits truth,
inside his ear,lust revoked.

Indeed.He is a man with brown shoes,
sitting in front of a hot ugly woman.
He knows what she can offer him,
this man needs nothing, but the beads.


2.

Habit of reading,
nothing to do with knowing but telling.
Psychoanalysis is firm from face,
teeth should not be even,
perfection is indeed not acceptable.

A man to quarrel is a card game,
if you can play without putting the cards.

Happiness.
Yes,he is happy.
कोई तो हैं,जो बोलता हैं,
सब खामोश हैं,हैं शोर कितना!

इन लिफाफों में हैं सफ़र कितना,
ख़त में इसका ज़िक्र भी नहीं.

तुम्हें कोई भी छु सकता हैं,क्या सोच,
के यु जग की रखैल नहीं हो तुम.

बदल देते हो किसी का भी घर,
क्या जीना भी शिकवा नहीं हैं!

हर साज़ और हर परिंदे का सपना,
सब मर चुके हैं,तुम्हें कुछ भी पता नहीं हैं.

बंजारे रोते हैं तो ताजमहल हैं,
बिक न जाते,जो बस जाते.

किस की भी हिमायत, दर्द हैं,
क्यों न हम हँसना छोड़ दे.

वो मर गया जो जिंदा था,
जो जिंदा हैं वो मर गए.

खाली दीवारों पर लिखना मुश्किल कितना,
काश यु कोरा जी जाये कोई.

इश्क की बात कौन करे.
ये गर्म हैं जमीं,तेरे आगोश से परे,
यु न समझ, के मदहोश हु मैं!
किन ताबूतों को ताला लगा,वो रो दी,
इंसान की तलाश सिर्फ जहन में हैं.