Friday, December 16, 2011

मेरे दोस्तों,
में अब अकेले सफ़र करूँगा,
तुम्हारी याद आएगी,
कुछ दिन अकेले रम,कुछ सिगरेटें पी लूँगा,
पर वापिस नहीं आऊंगा.तुम्हारे पास.

कही पर भी रात बसर कर लूँगा,
तुम नहीं चाहिये,में कही भी रो लूँगा,
हँसता रहूँगा खुद-बा-खुद,
जमीं पर सो लूँगा,
पर वापिस नहीं आऊंगा तुम्हारे पास.

मुझे कोई समझ नहीं,न मेरी -न तुम्हारी,
तुम मेरे बिन जी लोगी,
मैं तुम्हरे बिन जी लूँगा,.
पर वापिस नहीं आऊंगा तुम्हारे पास.

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