Thursday, August 6, 2009

आशिक

तुम्हारे जवाबो के जवाब ना दे पाए,
सोचो कितने,
कमज़ोर आशिक हैं।
तेरी कही मेरी सुनी बातों को,
कई रात पढ़ते रहे,
ठीक कहा,
लाचार आशिक हैं।
तुम तो बोल देती हो कैसे भी हमारे लिए,
तेरी हर बात के हज़ार मतलब,
क्यों हम अब इतने,
समझदार आशिक हैं।
कभी आना चाँद देखेंगे साथ,
जो हूँ तुम्हारे ही रहमो करम से हूँ बेगम,
अब जो लोग कहते हैं इश्क मैं,
बेकार आशिक हैं!

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