मैं अकेला हूँ,
ये हर हसीं को पता हैं!!
पता हैं मेरा पता,
शायर हूँ,उन्हें ये भी पता हैं!!
सुबह-ओ-शाम घर में रहता हूँ,
बंद कमरों,आइनों में रहता हूँ!!
पर वो आकर कागज़ पर बैठ जाती हैं,
ज़बरदस्ती मुझसे इश्क करवाती हैं,
कभी मेरे कानो को दांतों से काटती हैं,
कभी मुझे चूमती हैं,चूमती जाती हैं!!
मैं अकेला हूँ,
ये हर हसीं को पता हैं!
पता हैं मेरा पता,
शायर हूँ,उन्हें ये भी पता हैं!!!!