आज तू रोए या नाग पले ।
कत्लेआम हो या लट जले ।
सड़को पर ख़ून बहे और जुनूँ ।
सस्ती दारू पीकर गाली दूंगा कुत्तों को।
चाँद पर रस्सी टांग कर,
इंतज़ार करूँगा ।
ख़ुदा तू चीज़ क्या हैं ।
________________________
मैं बरगद बन जाऊंगा, इस बरस ।
पानी से कठोर, मृदु से मीठा ।
चुपचाप किसी को मार दूंगा भीतर,
कमरे से निकल आऊंगा ।
चाबी अंग, मैं मृत ।
मेरे भीतर के जीव,
शराब पीने आऊंगा ।
जाग जाऊंगा ।
________________________
ऐ मरजान वालेया ,
तेनु रब वेखेगा सुत्त्ता।
मेरे कोल तेरा जिन्दा दंद,
तेरे कोल जिंदा मैं ।
मैन्नू मार क्यों नहीं देंदी ।
कत्लेआम हो या लट जले ।
सड़को पर ख़ून बहे और जुनूँ ।
सस्ती दारू पीकर गाली दूंगा कुत्तों को।
चाँद पर रस्सी टांग कर,
इंतज़ार करूँगा ।
ख़ुदा तू चीज़ क्या हैं ।
________________________
मैं बरगद बन जाऊंगा, इस बरस ।
पानी से कठोर, मृदु से मीठा ।
चुपचाप किसी को मार दूंगा भीतर,
कमरे से निकल आऊंगा ।
चाबी अंग, मैं मृत ।
मेरे भीतर के जीव,
शराब पीने आऊंगा ।
जाग जाऊंगा ।
________________________
ऐ मरजान वालेया ,
तेनु रब वेखेगा सुत्त्ता।
मेरे कोल तेरा जिन्दा दंद,
तेरे कोल जिंदा मैं ।
मैन्नू मार क्यों नहीं देंदी ।