जनम शायर कर शेर,फासला इतना सा हैं,
वह हैं वाईज,यहाँ दूसरा सा हैं.
कोई लुट गया,खरीद-फरोक्त ये,
कोई दुंद्ता,मसला सा हैं.
किस का दर्द शायर को पता,
कही जलता शायर सा हैं.
किसी मुक्क़दस मोड़ पे ,जी लेंगे ज़िन्दगी,
अभी रास्ता नया सा हैं.
किसी ने पुछा जो मेरा मक़ाम,
वो शक्स ,मेरा सा हैं.
सिगरटों के बाद ज़िन्दगी बुझ गयी,
ये आशकी ,धुआं सा हैं.
मैं पुकारू तुम्हें,तुम्हारी तरह,
कोई आदमी दिखा सा हैं.
मजबुरीयाँ ,इन फसलो की हया तो,
मुसीबतों में भी,जनाजा जला तो हैं.
मैंने पुछा की कहा की हो तुम,
तुमने,हमें सुना तो हैं.
चलो अब मुस्कुराकर कर सही,
मुस्कुराने का जज्बा तो हैं.
रो लो और जी दो ये लम्हा,
ये लम्हा,तुम्हें मिला जो हैं.
जिसने पीने के बाद सोना सिख लिया,
अब सिखने को बचा क्या हैं!
वह हैं वाईज,यहाँ दूसरा सा हैं.
कोई लुट गया,खरीद-फरोक्त ये,
कोई दुंद्ता,मसला सा हैं.
किस का दर्द शायर को पता,
कही जलता शायर सा हैं.
किसी मुक्क़दस मोड़ पे ,जी लेंगे ज़िन्दगी,
अभी रास्ता नया सा हैं.
किसी ने पुछा जो मेरा मक़ाम,
वो शक्स ,मेरा सा हैं.
सिगरटों के बाद ज़िन्दगी बुझ गयी,
ये आशकी ,धुआं सा हैं.
मैं पुकारू तुम्हें,तुम्हारी तरह,
कोई आदमी दिखा सा हैं.
मजबुरीयाँ ,इन फसलो की हया तो,
मुसीबतों में भी,जनाजा जला तो हैं.
मैंने पुछा की कहा की हो तुम,
तुमने,हमें सुना तो हैं.
चलो अब मुस्कुराकर कर सही,
मुस्कुराने का जज्बा तो हैं.
रो लो और जी दो ये लम्हा,
ये लम्हा,तुम्हें मिला जो हैं.
जिसने पीने के बाद सोना सिख लिया,
अब सिखने को बचा क्या हैं!