१.इजहार
बेगम बेगम बेगम
जब लिख दिया आजबेगम बेगम बेगम
मैं,
रूठ गई कलम
मैं बेजबान सही
तुम्हें जबान दी हैं मैंने
प्यासी रहती हूँ बूंदों की तरह
तुमने नचाया हैं उँगलियों पे
गुस्से से दाँतों तले,
आजमाया हैं कई बार
आवारगी में ना छूकर बरसो,
दीवानी
बहती हूँ,
घिस कर अपनी जवानी
उसकी कहानी बयान की हैं मैंने
अब तुम्ही बताओ
कहा मेरे प्यार मैं
कहा मेरे प्यार मैं......
२.मैं लाचार
घंटो बैठे बैठे मैं कलम को यु ही तकता रहा,
और वो यू ही सुबकती रही...
इश्क जादू हैं, इश्क बला हैं....
इश्क मुफलिसी का जलजला हैं...
ये सालो ख़ुद न समझ सका॥
पर उसे समझाता रहा...
कलम को छुआ,आंसू पोछे,प्यार किया..
कुछ नही॥
घंटो बेगम बेगम लिखता रहा....
बेगम बेगम बेगम बेगम
लिखता रहा...........:-)