पत्थरो पर कुरेद कुरेद कर तेरे नाम को,
यूँ पाक कर दिया हैं,आयतें कुरान को!!
यु ही चल चल कर तेरी परछाई के पीछे,
जिन्दा रहने का हुनर आया हैं रहमान को..
रोज देखता हूँ तुझे चाँद के बहाने,
और इसी बहाने का रहता हैं इंतज़ार एक इंसान को..
मर कर भी तुझे पाया तो क्या पाया ,
तेरे संग ज़िंदगी बिताने का अरमान हैं इस बेईमान को..
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kured dala guru
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